हल्द्वानी। उत्तराखंड के गठन को 17 साल हो चुके हैं। गठन के 17 सालों में हल्द्वानी में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन 15 से 27 जनवरी तक किया जाएगा। इस मेले में पूरे देश के करीब 300 से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद का स्टाॅल लगाएंगी जिनमें सुदूर पहाड़ी इलाकों में पैदा होने वाली दालें, अनाज और मैदानी क्षेत्रों के तमाम तरह के परंपरागत हथकरघा उत्पाद शामिल होंगे। बता दें कि राष्ट्रीय स्तर के इस मेले के लिए नैनीताल जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के स्वयं सहायता समूहों को मेले में आमंत्रित किया जा रहा है।
नैनीताल में होगा आयोजन
गौरतलब है कि सरस मेले का आयोजन भारत सरकार के ग्राम्य विकास मंत्रालय और राज्य सरकार ने साथ मिलकर इस मेले का आयोजन किया जा रहा है और इस बार नैनीताल को मेले के आयोजन की जिम्मेदारी मिली है। हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज ग्राउंड में 15 से 27 जनवरी तक मेले के आयोजन की तिथि प्रस्तावित की गई है। आयोजन की तैयारियों को लेकर जिले के सभी विभागों के अधिकारियों की दो बार बैठक हो चुकी है। अब तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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घरेलू उत्पादों की नुमाइश
यहां बता दें कि देशभर के ग्राम्य विकास विभाग में पंजीकृत और राष्ट्रीय आजीविका मिशन से अनुदान के रूप में सहायता प्राप्त करने वाले महिला स्वयं सहायता समूह मेले शामिल होंगे। मेले में घरेलू उपयोग का सामान, फर्नीचर, हैंडलूम उत्पाद, सजावटी सामान, कालीन, ऊनी वस्त्र, परंपरागत फसलों से तैयार उत्पादों के साथ ही लोगों को विभिन्न प्रदेशों के हस्तशिल्प उत्पाद एक ही छत के नीचे आसानी से मिल सकेंगे।
डीएम ने विभागों को सौंपी जिम्मेदारी
यहां गौर करने वाली बात है कि राज्य सरकार ने मेले को भव्य रूप देने के लिए ग्राम्य विकास विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। मेले के सभी इंतजामों के लिए नैनीताल के डीएम दीपेन्द्र चैधरी ने अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस मेले में राज्य की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देखने को मिलेगी।