देहरादून। राज्य में राष्ट्रीय पार्कों और इको सेंसिटिव जोन के लिए जमीनों के हस्तांतरण में अब तेजी आएगी। सरकार ने स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड को मंजूरी दे दी है। इसके वजूद में आने के बाद रुके हुए कार्यों में तेजी आने की संभावना बढ़ गई है। जल्द ही इसके विधिवत आदेश दे दिए जाएंगे। बता दें कि पिछले कुछ समय से यह बोर्ड वजूद में नहीं था जिसकी वजह से विकास कार्यों के शुरू होने में दिक्कतें आ रहीं थीं।
विकास कार्य होंगे तेज
गौरतलब है कि करीब 6 महीने पहले बोर्ड के गठन के लिए फाइल शासन को भेजी गई थी लेकिन इस पर कुछ कारणों से कार्रवाई नहीं हो पाई थी। बता दें कि इस बोर्ड का अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होते हैं और इसमें 10 सदस्य होते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने बोर्ड के सदस्यों की संख्या 10 से कमकर 8 कर दी है और इनमें एक पूर्व पत्रकार के साथ ही पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ को भी सदस्य के रूप में लिया है। बोर्ड के अब वजूद में आने से राष्ट्रीय पार्को और सेंक्चुरी से होकर यदि कोई नई बिजली लाइन जानी है या फिर भूमि हस्तातंरण के मसले हैं, उनके कामों में तेजी आने की उम्मीद है।
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स्थानीय लोगों को राहत
आपको बता दें कि इस बोर्ड के वजूद में आने से पार्कों से लगे ईको सेंसटिव जोन में रहने वाले लोगों की परेशानियां दूर होंगी। यहां रहने वालों को कोई भी नया काम करने से पहले बोर्ड से मंजूरी लेनी होती है। गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में 13 पार्क एवं सेंक्चुरी हैं, इन सभी पार्कों के 2 किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर के दायरा को ईको सेंसटिव जोन में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को पूर्व में भेजा जा चुका है।