Tuesday, April 30, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

राज्य की लचर शिक्षा व्यवस्था के लिए विभाग जिम्मेदार, कैग ने सर्वशिक्षा के अमल पर उठाए सवाल 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
राज्य की लचर शिक्षा व्यवस्था के लिए विभाग जिम्मेदार, कैग ने सर्वशिक्षा के अमल पर उठाए सवाल 

देहरादून। राज्य में शिक्षा की व्यवस्था को सुधारने में विभागीय लापरवाही की मामला सामने आया है। शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से मदद में कोई कमी नहीं की जा रही है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत केन्द्र से करोड़ों रुपये का अनुदान दिया। ये पैसे या तो बैंक में जमा रहे या फिर ग्राम विकास समिति के खातों में। ब्लॉक और संकुल संसाधन व्यक्ति (बीआरपी-सीआरपी) की नियुक्ति में जानबूझकर की गई देरी की वजह से भी करोड़ों रुपये इस्तेमाल ही नहीं हो पाए। नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

अधिकारियों का सुस्त रवैया

गौरतलब है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं है। इसमें सुधार लाने के लिए उत्तराखंड सरकार को केन्द्र से सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत  वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक की अवधि तक करोड़ों रुपये की मदद दी लेकिन विभागीय अधिकारियों के सुस्त रवैये के चलते इसका उपयोग नहीं हुआ। कैग ने अपनी रिपोर्ट में नाराजगी जताते हुए साफ लिखा है कि एसएसए के जिम्मेदार अधिकारियों का आंतरिक नियंत्रण बेहद कमजोर रहा है। अब राष्ट्रीय स्तर पर एसएसए के सर्वेक्षण में पाई गई कमियों पर कैग ने सभी राज्यों से उनका पक्ष मांगा है। 


ये भी पढ़ें - मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का पूरा खर्च उठाएगी सरकार, बीमा कंपनी पर भी होगी कड़ी कार्रवाई

विभाग पर सवाल

आपको बता दें कि कैग की रिपोर्ट के बाद एसएसए के आॅफिसर सही तरीके से स्पष्टीकरण नहीं दे रहे हैं।  कुछ समय पहले उपसचिव-शिक्षा दिनेश चंद्र जोशी ने तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश देते हुए पत्र भी भेजा है। यहां गौर करने वाली बात है कि कैग ने राज्य में चलने वाले अवैध स्कूलों को लेकर भी शिक्षा विभाग के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं।  

Todays Beets: