नैनीताल। सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे राज्य के आंदोलनकारियों को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने बुधवार को सरकारी सेवा में 10 फीसदी का क्षैतिज आरक्षण देने के मामले में दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि न्यायामूर्ति सुधांशु धुलिया एवं न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला दिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने के मामले में पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के जजों की राय अलग-अलग रही थी। उस समय यह मामला मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया गया था। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को तीसरे न्यायाधीश की राय के लिए भेज दिया था।
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बता दें कि न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने आंदोलनकारियों के खिलाफ फैसला दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के ही एक वकील रमन शाह ने इसपर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। बुधवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद इस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।