देहरादून। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके तहत देरी से स्कूल आने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शिक्षा सचिव डाॅक्टर भूपिंदर कौर औलख ने कहा कि स्कूलों के शुरू होने और खत्म होने के बीच जिला स्तर के शिक्षा अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे और अनुपस्थित या फिर देर से आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बात कही है। पिछले दिनों समीक्षा बैठक में इस बात का खुलासा हुआ था कि तैनाती स्थल के करीब शिक्षकों के रहने से स्कूलों का परिणाम बेहतर रहा था।
गौरतलब है कि समीक्षा बैठक में इस बात कर भी पता चला कि ज्यादातर शिक्षक अपनी मूल तैनाती वाली जगह से काफी दूर शहरी इलाकों में रहते हैं जिससे उनका अधिकतर समय स्कूलों में आने-जाने में ही बीत जाता है। ऐसे में छात्रांे की शिक्षा प्रभावित होती है। शिक्षा सचिव डाॅक्टर भूपिंदर कौर औलख ने कहा कि यह कदम सिर्फ शहरी ही नहीं बल्कि दूर-दराज के स्कूलों में तैनात शिक्षकों की लेटलतीफी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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यहां बता दें कि राज्य के स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है और बीच में शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। शिक्षकों के आंदोलन पर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद इन शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस लिया था। गौर करने वाली बात है कि शिक्षकों की लेटलतीफी पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों को नियमित रूप से स्कूलों का औचक मुआयना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जो भी शिक्षक लगातार देर से आ रहे हैं या फिर गायब हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।