देहरादून। प्रदेश सरकार ने राज्य के दूर-दराज इलाकों के सरकारी डिग्री काॅलेजों में संविदा पर तैनात प्राध्यापकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने उनकी सत्र 2018-19 के लिए सेवा को विस्तार दे दिया है। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से सैकड़ों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। गौर करने वाली बात है कि राज्य के काॅलेजों और स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है। ऐसे में छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए संविदा पर दूर-दराज के सरकारी काॅलेजों में शिक्षकों की तैनाती दी गई थी। अब इनके मानदेय को एक समान करने का प्रस्ताव जल्द ही लाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में साल 2014-15 के बीच डिग्री काॅलेजों में संविदा के आधार पर करीब 405 प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई थी जिसमें से 365 शिक्षक ही फिलहाल मौजूद हैं। इनकी तैनाती सांध्यकालीन कक्षा के लिए की गई थी और शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें 15 हजार रुपये का मानदेय दिया जा रहा है। वहीं सुबह की कक्षा लेने वालों को 25 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। कई प्राध्यापकों को 35 हजार भी मानदेय दिया जा रहा है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि सभी प्राध्यापकों के मानदेय को एक समान करने का प्रस्ताव जल्द ही लाया जाएगा।
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यहां बता दें कि राज्य के पहाड़ी और दूर-दराज इलाकों में संविदा के आधार पर तैनात प्राध्यापकों को सेवाविस्तार दिए जाने का आदेश उच्च शिक्षा अपर मुख्य सचिव डॉ रणवीर सिंह ने जारी किया है। अलग-अलग तरीके से अस्थायी व्यवस्था के तहत सेवायोजित हुए संविदा शिक्षकों को समान मानदेय के लिए अभी इंतजार करना होगा। अलग-अलग मानदेय की व्यवस्था को खत्म करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखने की तैयारी है।