देहरादून। देहरादून में अतिक्रमण हटाने को लेकर चौतरफा आलोचनाओं की शिकार प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च अदालत ने इस मसले पर सरकार को हाईकोर्ट की उसी बेंच के पास जाने के निर्देश दिए हैं जिसने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उसका मानना है कि उसी बेंच के पास जाने से अभी तक की कार्यप्रगति की रिपोर्ट मांगी जाएगी।
गौरतलब है कि देहरादून शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर विधायकों के विरोध के बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहुंची थी और इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में जाने के निर्देश दिए हैं। अब सरकार को दोबारा इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जाना होगा।
ये भी पढ़ें- भाजपा देश को बर्बाद कर देगी, संघ और पार्टी के हिंदुत्व में हो रही है तालिबान की शुरुआत: थरूर
यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ही फैसला दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को हाईकोर्ट की उसी बेंच की ओर रुख करने को कहा है जिसने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। गौर करने वाली बात है कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार अगर अब हाईकोर्ट की उसी बेंच के पास याचिका डालती है तो बेंच पहले से अब तक की कार्यप्रगति रिपोर्ट मांगेगी।
इस बारे में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अभी आदेश नहीं देखा है और इसका परीक्षण कराया जाएगा। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को रिस्पना नदी के पास से अतिक्रमण हटाने के लिए 3 महीने का वक्त दिया था लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है।