देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों के साथ प्रशिक्षित बेरोजगारों ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीपीएड और एमपीएड कर चुके बेरोजगार नौजवानों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर दून के परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कहा कि अगर सरकार जल्द ही इनकी मांगों पर कोई विचार नहीं करती है तो राज्य में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार की तरफ से बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदम काफी साबित नहीं हो रहे हैं। बता दें कि इससे पहले प्राथमिक शिक्षकों ने भी स्कूलों के कोटीकरण और तबादला निरस्तीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के घर पर भी धरना प्रदर्शन किया, जहां उन्हें हितों की अनदेखी नहीं होने देने का आश्वासन मिला था।
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गौर करने वाली बात है कि बीपीएड और एमपीएड कर चुके बेरोजगारों का पहले सचिवालय कूच का कार्यक्रम था जिसे स्थगित कर दिया गया। धरने को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडे ने कहा कि बेरोजगार लंबे समय से व्यायाम शिक्षकों की नियुक्ति और विद्यालयों में व्यायाम विषय को अनिवार्य करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है जिससे बेरोजगारों में रोष बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन बेरोजगारों के लिए जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती है तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को तेज किया जाएगा।
ये हैं मांगें
-सरकारी स्कूलों में व्यायाम शिक्षकों की नियुक्ति वर्षवार और वरिष्ठता के आधार पर करे।
-इंटर कॉलेजों में व्यायाम विषय के प्रवक्ता नियुक्त किए जाएं।
-कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक व्यायाम विषय को अनिवार्य बनाया जाए।