देहरादून। जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से लोहा लेते हुए घायल दून के नायक दीपक नैनवाल का मंगलवार शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया। हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद दीपक नैनवाल का अंतिम संस्कार किया गया। उनके 3 साल के बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि देता हुआ देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। बड़ी बात यह रही कि प्रदेश की इस वीर सपूत की अंतिम विदाई में सरकार की ओर से कोई भी नहीं पहुंचा। पुलिस और प्रशासन के लोग ही मौजूद थे।
गौरतलब है कि पिछले महीने 17 अप्रैल को कुलगाम जिले में आतंकियों के हमले का नाकाम करने के दौरान दीपक नैनवाल को 2 गोलियां सीने में लगी थी। उन्हें पहले श्रीनगर के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें दिल्ली के आरआर अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने भी दीपक के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। दीपक ने भी अपने पिता से जल्द ही ठीक होकर दोबारा सीमा पर जाने की बात कही थी।
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यहां बता दें कि दिल्ली के आरआर अस्पताल से दीपक नैनवाल को पुणे के अस्पताल में भेजा गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। दीपक नैनवाल देहरादून के हर्रावाला के रहने वाले थे। मंगलवार शाम को शहीद की अंतिम यात्रा हरिद्वार खड़खड़ी श्माशान घाट पहुंची। जहां मौजूद लोगों की अंतिम यात्रा देख आंखें भर आईं और उन्होंने शहीद अमर रहे के नारे लगाने शुरू कर दिए।
शहीद नैनवाल का अंतिम संस्कार सेना की मातमी धुन और शस्त्र सलामी के बीच किया गया। डीएम हरिद्वार दीपक रावत ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र समर्पित कर श्रद्धांजलि दी। डीएम शहीद के पिता चक्रधर नैनवाल और भाई प्रदीप नैनवाल से मिले और शोक संवेदना व्यक्त की। शहीद को उनके 3 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी।