देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग ने प्रदेश सरकार की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए हेलीकाॅप्टर का सहारा लेने पर विचार कर रही है। इसके लिए हेली कंपनियों के साथ बात भी कर ली गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने चमोली यात्रा के दौरान ये बातें कहीं हैं। इससे पहले 2016 में भी आग पर काबू पाने के लिए हेलीकाॅप्टर का सहारा लिया गया था। गौर करने वाली बात है कि राज्य के ज्यादातर जिलों के जंगलों में आग ने अपना तांडव मचाया हुआ है। करोड़ों की वन संपत्ति के नुकसान के साथ ही सैकड़ों जंगली जानवरों के भी मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
गौरतलब है कि पिछले 5 दिनों से उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी हुई है। जंगलों से रिहाइशी इलाकों तक फैली इस आग पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है। वन कर्मियों के साथ पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग आग बुझाने में जुटे हैं। आग बुझाने में जुटे इन लोगों की संख्या 4306 है। यही नहीं, दावानल पर नियंत्रण के मद्देनजर 248 वाहन भी लगाए गए हैं।
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यहां बता दें कि अब आग की भयानक स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार भी हरकत में आ गई है। सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि इस भीषण आग पर काबू पाने के लिए हेलीकाॅप्टर का सहारा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हेली सर्विस देने वाली कंपनियों से बात कर ली गई है।
गढ़वाल, कुमाऊं, शिवालिक एवं वन्यजीव संगठन क्षेत्रों में 248 वाहनों और 8 पानी के टैंकरों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। नोडल अधिकारी वनाग्नि एवं अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक बीपी गुप्ता के अनुसार आग पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें अन्य विभागों के साथ ही वन पंचायतों और ग्राम पंचायतों का भी सहयोग लिया जा रहा है। गौर करने वाली बात है कि मंगलवार को जंगलों में लगी आग पौड़ी के कंडोलिया इलाके में स्थित स्कूल तक पहुंच गई थी जिसके बाद स्कूल में छुट्टियां करनी पड़ी थी। बताया जा रहा है कि आग की भयावहता का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ने का अंदेशा है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने होंगे।