Saturday, April 27, 2024

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प्रशासनिक अधिकारियों ने दिए सीएम को टिप्स, राज्य की शिक्षा व्यवस्था में ऐसे होगा सुधार

अंग्वाल न्यूज डेस्क
प्रशासनिक अधिकारियों ने दिए सीएम को टिप्स, राज्य की शिक्षा व्यवस्था में ऐसे होगा सुधार

देहरादून। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार की तरफ से कई कोशिशें की जा रहीं हैं। इसके लिए प्रशानिक अधिकारियों को स्कूलों का दौरा करने के निर्देश भी दिए गए थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईएएस वीक की बैठक में अधिकारियों से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के उपाय पूछे। इसके बाद उन्होंने कहा कि राज्य में एक ऐसा डाटा बैंक तैयार करना होगा जिसमें विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त अधिकारी, कार्मिक, वॉलंटियर, वर्तमान अधिकारियों के रूप में ऐसे लोगों की जानकारी हो, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के इच्छुक हों। 

आईएएस वीक में मंथन

गौरतलब है कि राज्य में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। इसमें सुधार लाने के लिए भाजपा सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत अधिकारियों ने स्कूल जाकर छात्रों की समस्या जानने की कोशिश की और उनसे शिक्षा के स्तर का सुधारने के बारे में भी बातचीत की। ‘आईएएस वीक’ में अधिकारियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऐसे सेवानिवृत्त और सेवारत लोगों का डाटा बैंक तैयार करने के निर्देश दिए हैं जो अपना कुछ वक्त स्कूलों में दे सकें। उन्होंने कहा इससे शिक्षा के क्षेत्र में काफी परिवर्तन आएगा। 

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आपको बता दें कि इस मौके पर विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे।

-शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार को सामुदायिक भागीदारी बढ़ाये जाने की आवश्यकता है।- राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वित्त

-दूरस्थ क्षेत्रों में खुलने वाले सरकारी स्कूलों के साथ ही प्राइवेट स्कूलों को भी प्रोत्साहित किया जाए ताकि एक बड़े लक्षित वर्ग तक शिक्षा समान रूप में पहुंचाई जा सके।- अमित नेगी, सचिव वित्त

-ई-लर्निंग, वीडियो व डिजिटल लर्निंग का पूरा लाभ सभी वर्गों के छात्रों तक पहुंचे, इसके लिए इंटरनेट पर उपलब्ध ई क्लासेस के वीडियो को कुमाऊंनी, गढ़वाली व अन्य स्थानीय बोलियों में डब कराया जाए। स्कूलों में दिखाया जाए।- नरेंद्र भंडारी, प्रशिक्षु आईएएस


-सभी स्कूलों में 11, 12 वीं के छात्र, छात्रओं के लिए बेसिक कम्प्यूटर ट्रेनिंग, इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स अनिवार्य किए जाएं। कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था हो।- मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव उद्योग

-रमसा के तहत मिलने वाली राशि का प्रयोग विद्यालयों में ई-लर्निग, वीडियों लर्निग, डिजिटल लर्निग को बढावा देने में किया जाए।- सौजन्या, सचिव निर्वाचन

-शिक्षा के क्षेत्र में फोकस सुविधाओं के विकास से हटाकर छात्रों के विकास व क्षमता विकास पर करना होगा। शिक्षकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन छात्रों के परिणामों के आधार पर हो।- भूपिन्दर कौर औलख, सचिव शिक्षा

-सरकार की स्मार्ट क्लासेस का प्रयोग पिथौरागढ़ के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में काफी सफल सिद्ध हो रहा है। हमें मजबूत डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से ई लर्निग व डिजिटल लर्निग को दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचाना होगा।- सी रविशंकर, डीएम पिथौरागढ़

-10वीं एवं 12वीं कक्षाओं में छात्र, छात्रओं के पास होने का प्रतिशत बढ़ाना होगा। अनुत्तीर्ण स्कूली छात्रों के भविष्य व शिक्षा को लेकर सोचना होगा।- एसए मुरुगेशन, डीएम देहरादून

-अच्छे व प्रेरणादायक शिक्षकों की सहायता से भी शिक्षा की गुणवत्ता में बहुत सुधार किया जा सकता है। वीडियो शेयरिंग, डिजिटल लर्निग को प्रोत्साहित करना होगा। -मंगेश घिल्डियाल, डीएम रुद्रप्रयाग

-निम्न आय वर्ग के परिवारों के बालिकाओं की विद्यालयों में हाजिरी कम है। शिक्षक, अभिभावक बैठक व पारस्परिक चर्चाओं को बढ़ावा दिया जाए। प्राइवेट संस्थाएं जो सरकारी स्कूलों को गोद लेना चाहती हैं, वहां मानव संसाधन व अन्य सुविधाओं के विकास को उदार नीति अपनाई जाए। सीएसआर व पीपीपी आधार पर भी शिक्षा गुणवता में सुधार लाया जाए।- नीरज खैरवाल, डीएम यूएसनगर

 

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