देहरादून । उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सीय सुविधाओं की कमी का दंश झेल रहे लोगों को अब शहरों में भी कोई मदद नहीं मिल रही। इसकी बानगी देहरादून के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार दून महिला अस्पताल में देखने को मिली। जहां टिहरी निवासी एक गर्भवती को अस्पताल प्रशासन और स्टॉफ की लापवाही के चलते इमरजेंसी में बने शौचालय में बच्चे को जन्म देना पड़ा। हालांकि शौचालय में बच्चे के जन्म और समय रहने सुविधाएं नहीं मिलने के चलते नवजात ने दम तोड़ दिया है, जबकि इस घटना के बाद हंगामा खड़ा होने पर अब उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जानकारी के मुताबिक , टिहरी के चुक्खूवाला निवासी बृजमोहन अपनी 8 माह की गर्भवती पत्नी आरती को लेकर देहरादून के दून महिला अस्पताल पहुंचे। रविवार तड़के अस्तपाल में भर्ती करवाया गया लेकिन सुबह जब उसे शौच के लिए ले जाया गया तो पाया कि शौचालय में पानी ही नहीं था। इस पर उसे वहां से अगर अस्पताल की इमरजेंसी में बने शौचालय में ले जाया गया, जिसके लिए उसे पैदल ही चलना पड़ा। शौचालय पहुंचने पर अचानक उसे प्रवस पीड़ा हुई और उसने नवजात को वहीं शौचालय में ही जन्म दिया।
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शौचालय में बच्चे को जन्म दिए जाने के बाद जब बृजमोहन बौखलाई अवस्था में अस्पताल के स्टाफ के पास मदद के लिए पहुंचा तो उसके साथ कोई नहीं गया। उल्टा उसे कहा गया कि वह शौचालय के लिए उसे इमरजेंसी में लेकर ही क्यों गया। जैसे-तैसे करके बृजमोहन अपने नवजात और पत्नी को अस्पताल लेकर आया लेकिन बाद में इलाज के दौरान नवजात ने दम तोड़ दिया।