देहरादून। एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के स्थानांतरण को लेकर अब अवकाश प्राप्त कर्मचारी विकास संगठन भी इस मामले में कूद गया है। संगठन का कहना है कि अगर जल्दी ही सुमाड़ी में एनआईटी का निर्माण नहीं होता है तो वे आंदोलन करेंगे। गौर करने वाली बात है कि एनआईटी के स्थाई परिसर का निर्माण काफी समय से लंबित है जबकि सुमाड़ी के लोगों ने इसके लिए भूमिदान किया है। बता दें कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एनआईटी श्रीनगर को कहीं और शिफ्ट करने के मामले में केंद्र सरकार, राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार और एनआईटी को 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा था।
गौरतलब है कि सुमाड़ी में स्थाई परिसर के निर्माण के लिए हजारों पेड़ काटे चुके हैं और यहां तक की चाहरदीवारी का निर्माण हो चुका है। इसके बावजूद मौजूदा समय में एनआईटी को कहीं और शिफ्ट करने की साजिश की जा रही है। इसमें स्थानीय प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध है। संगठन के लोगों ने एनआईटी प्रबंधन की खुफिया जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही यहां परिसर के निर्माण का काम शुरू नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने पर बाध्य हो गए है।
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यहां बता दें कि एनआईटी को श्रीनगर से ऋषिकेश स्थानांतरित करने संबंधी फैसले को लेकर एनआईटी के एक पूर्व छात्र ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई की। यहां बता दें कि पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि एनआईटी को बने 9 साल हो गए लेकिन अब तक इसका स्थायी भवन नहीं बन पाया है। छात्र लंबे समय से इसके स्थायी भवन की मांग कर रहे हैं लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।