देहरादून। उत्तराखंड में खिलाड़ियों के हितों को सबसे ऊपर रखते हुए राजनीतिक विरोधी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और कांग्रेस के पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने आपस में हाथ मिला लिया है। दोनों ने मिलकर यूसीए के पूर्व सचिव राजेन्द्र पाल को सीएयू डेवलपमेंट कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया है। इसके साथ ही यूसीए और सीएयू ने आपसी विलय की घोषणा कर दी। ऐसा होने से अब उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
खिलाड़ियों का भविष्य बेहतर
गौरतलब है कि एसोसिएशनों के अहम की लड़ाई के चलते ही बीसीसीआई से उत्तराखंड क्रिकेट को मान्यता नहीं मिल रही थी। जिससे राज्य के खिलाड़ियों को दूसरे राज्यों में जाकर खेलना पड़ता था। यहां बता दें कि यूसीए के अध्यक्ष मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हैं और क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ उत्तराखंड (सीएयू) के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट हैं। क्रिकेट और खिलाड़ियों की भलाई को देखते हुए उन्होंने राजनीति को दरकिनार करते हुए कांग्रेस के पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट से हाथ मिला लिया है। यूसीए ने अपने सभी पदाधिकारियों को अपनी एसोसिएशन को भंग करते हुए सीएयू में विलय कर लिया। खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए उठाए गए इस कदम की काफी तारीफ हो रही है।
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टी-20 एसोसिएशन ने किया समर्थन
आपको बता दें कि यूसीए के सचिव संजय गुसाईं ने बताया कि एसोसिएशनों के अहम के चलते ही बीसीसीआई से मान्यता मिलने में बड़ी अड़चन थी जो अब खत्म हो गई है। यूसीए और सीएयू के विलय को टी-20 एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया है। अब सबकी नजर 15 अक्टूबर को होने वाली बैठक पर टिकी है जिसमें बीसीसीआई से मान्यता की मांग पर भी चर्चा होगी।