देहरादून। उत्तराखंड में स्थानांतरण अधिनियम लागू होने के बाद इसमें छूट की मांग करने वाले 10 महकमों और कर्मचारी संगठनों को सरकार ने जोर का झटका दिया है। सरकार ने साफ तौर पर कहा कि महकमों को अधिनियम के अनुसार ही तबादलों की कार्रवाई को अंजाम देना होगा। इसके साथ ही सरकार ने उच्च शिक्षा, ग्रामीण निर्माण विभाग, ग्राम्य विकास एवं वित्त विभागों की स्थानांतरण की अधिकतम सीमा 10 फीसदी में छूट देने से साफ इंकार कर दिया गया है। वहीं माता-पिता की बीमारी का हवाला देकर स्थानांतरण में छूट की चाहत रखने वालों को भी इसमें कोई राहत नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में स्थानांतरण अधिनियम लागू होने के बाद 10 विभाग और कर्मचारी संगठन इसमें छूट पाने के लिए मुख्य सचिव के दर पर पहुंच गए थे। कार्मिक अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, एनआइसी के तकनीकी निदेशक व उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा को आदेश जारी किए हैं।
यहां बता दें कि स्थानांतरण अधिनियम लागू होने के बाद उच्च शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, पचांयतीराज, शहरी विकास, खेल, विद्यालयी शिक्षा, ग्रामीण निर्माण, ग्राम्य विकास, वित्त, परिवहन के साथ ही उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा, राजकीय वाहन चालक संघ एवं एनआइसी की ओर से अधिनियम में छूट पाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रस्ताव भेजे थे। समिति ने उन सभी प्रस्तावों का निस्तारण कर दिया है।
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गौर करने वाली बात है कि उच्च शिक्षा विभाग ने 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर तबादलों में छूट देने के मद्देनजर वरिष्ठ कार्मिकों के स्थानांतरण की अधिकतम आयु 63 वर्ष करने, डिग्री व पीजी कॉलेजों के प्राचार्यों को तबादलों से छूट देने व डिग्री शिक्षकों समेत अन्य कार्मिकों की संख्या अधिक होने का हवाला देते हुए स्थानांतरण की अधिकतम 10 फीसदी की सीमा में छूट की पैरवी की थी। सरकार ने इस 10 फीसदी की सीमा में छूट से इंकार कर दिया है। अन्य विभागों की ओर से भी इस संबंध में की गई मांग पर पुनर्विचार नहीं किया गया।
शहरी विकास विभाग में नगर निकायों में चुनाव प्रक्रिया के मद्देनजर निकाय कार्मिकों को स्थानांतरण से छूट की मांग सिर्फ आंशिक मानी गई है। जो निकाय कार्मिक स्थानांतरण अधिनियम के दायरे में नहीं आते, उन्हें छोड़कर शेष कार्मिकों के स्थानांतरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह खेल विभाग में सिर्फ ऐसे खेल जिनकी आधारभूत सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, उनसे संबंधित उप क्रीड़ा अधिकारियों एवं सहायक खेल प्रशिक्षकों को मौजूदा सत्र में स्थानांतरण से छूट दी गई है। शेष के स्थानांतरण यथावत होंगे।