देहरादून। राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और शासन के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार के द्वारा लगातार कोशिशें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेद्र रावत की आवास पर हुई उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण की पहली बैठक हुई है। इस बैठक में आम लोगों की शिकायतों के फौरन निपटारे के साथ सूचना तकनीक को और ज्यादा मजबूत बनाने का फैसला लिया गया ताकि जनशिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत बनाया जा सके। उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण का गठन सोसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत किया जाएगा। इस संस्था का मुख्यालय देहरादून में होगा।
गौरतलब है कि सीएम आवास पर हुई ‘‘उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण’’ (यूकेएसएपीएस) की प्रथम साधारण आमसभा की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों से अभिकरण की भूमिका पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने ‘‘उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण’’ (यूकेएसएपीएस) के लोगो का विमोचन किया। इस मौके पर सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण से सेवा का अधिकार को और मजबूती मिलेगी। इससे गुड गवर्नेस, कार्यो में पारदर्शिता, ई-गवर्नंेस को सुदृढ़ करने, आमजन को नियत समय पर सेवाऐं प्रदान करने, अच्छी कार्य संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि सर्वोपरि है। अभिकरण की स्थापना का मूल उद्देश्य राज्य में सरकारी सेवाओं को सरल व पीपुल फे्रण्डली तरीके से जन सामान्य तक पहुंचाना है।
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यहां बता दें कि बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिकरण के कार्यो को आईटी विभाग के सहयोग से अधिकाधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों के निवारण हेतु मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (सीएम हेल्पलाईन) 1905 शुरू की जाएगी। इसके लिए 50 सीटों के काॅल सेन्टर की स्थापना उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। सीएम डेशबोर्ड के कार्यो को भी यूकेएसएपीएस को हस्तांतरित किया जाएगा।
उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की सेवाओं को काॅमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) के माध्यम से जन सामान्य तक पहंुचाया जाएगा। राज्य में ई-डिस्ट्रक्ट परियोजना की नोडल एजेन्सी का कार्य भी उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण ही करेगी और उत्कृष्ट कार्य करने वाले श्रेष्ठ अधिकारियों/कार्मिकों को हर महीने सीएम के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण का गठन सोसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत किया जाएगा। इस संस्था का मुख्यालय देहरादून में होगा।