देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने अर्द्धकुंभ मेले के लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने अर्द्धकुंभ मेला योजना के तहत हरिद्वार में 24 कमरों वाला अतिथि गृह का निर्माण 17 करोड़ रुपये में कराया है। वहीं यूपी सरकार के पर्यटन विभाग ने 100 कमरों वाले अतिथिगृह का निर्माण 25 करोड़ रुपये में कराया है, इसका मतलब यह हुआ कि एक कमरे में निर्माण में 25 लाख रुपये खर्च हुए जबकि उत्तराखंड सरकार द्वारा एक कमरे का निर्माण 70 लाख रुपये में कराया गया। इस मामले के सामने आने के बाद पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने इसकी जांच कराने की बात कही है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के द्वारा अर्द्धकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं कके लिए सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कुंभ मेला योजना के तहत अतिथिगृह का निर्माण कराया गया है। बता दें कि साल अतिथिगृह का निर्माणकार्य तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश शर्मा के ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक था। 2015 में डीपीआर तैयार कर उन्होंने अर्द्धकुंभ मेला कार्ययोजना में सम्मिलित कराया था।
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यहां गौर करने वाली बात यह है कि बीते 3 सालों में निर्माणकार्य में इस्तेमाल होने वाले सामानों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने के बावजूद यूपी सरकार एक कमरे का निर्माण 25 लाख में करवा रही है और उत्तराखंड सरकार 70 लाख खर्च कर रही है। ऐसे में यूपी की डीपीआर सामने आने के बाद प्रदेश के लोगों की आंखें आश्चर्य से खुली रह गईं कि दोनों सरकारों के निर्माणकार्य में इतना ज्यादा अंतर कैसे आ रहा है? इस बड़े अंतर के सामने आने के बाद उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
वहीं यूपी सरकार ने हरिद्वार में अलकनंदा होटल के सामने ही 100 कमरों वाले अतिथिगृह के निर्माण को मंजूरी दे दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2 साल के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।