नई दिल्ली। काफी समय से भारतीय सेना अत्याधुनिक हथियारों की कमी से जूझ रही थी। इस कारण रक्षा मंत्रालय ने सेनाओं की तैयारियों को और मजबूत करने के लिए रायफलों एवं कार्बाइन की तत्काल खरीद का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत विशेषज्ञों की एक टीम को पांच देशों के दौरे पर भेजा गया है। यह टीम मौके पर ही इन हथियारों का परीक्षण कर उन्हें मंजूरी प्रदान करेगी। यह खरीद छह महिने के भीतर की जाएगी।
बता दें कि सेना में अत्याधुनिक हथियारों की कमी के कारण इंसास रायफलों के स्थान पर अत्यधुनिक 7.62 एमएम एसाल्ट रायफलें खरीदने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले पर रक्षा अधिग्रहण परिषद पहले प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है। इसके लिए ग्लोबल टेंड़र की भी मांग की जा चुकी है।
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जिन कंपनियों ने टेंड़र में हिस्सा लिया है, उनमे से पांच देशों अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, यूएई की कंपनियों के हथियारों की जांच के लिए यह टीम गई है। यहां आपको बता दें कि सेना ब्रिगेडियर की अध्यक्षता वाली इस टीम में कुछ 9 विशेषज्ञ हैं। यह टीम रायफलों, कार्बाइनों का चयन करेगी। भारत में उनकी परीक्षण यह होगा कि उनसे भारत में निर्मित गोला-बारूद चालकर देखा जाएगा। इसके बाद ही हथियारों की खरीद की जाएगी।
होगी 72 हजार राइफलों की खरीद
रक्षा मंत्रालय के अनुसार अभी 72400 असाल्ट रायफलों की खरीद होनी है, जिनकी रेंज पांच सौ मीटर और वजन चार किलो से अधिक नहीं हो। इनमें से 4000 वायुसेना और 2000 नौसेना के लिए होगी तथा बाकी सेना को दी जाएंगी।
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93 हजार कार्बाइन की खरीद
रायफलों की खरीद के साथ ही 93895 कार्बाइनों की खरीद होनी है, जिनमे से 3400 वायुसेना, 1200 नौसेना के लि और बाकी थल सेना के लिए होगी। कार्बाइन की रेंज 200 मीटर और वजन 2 किलो रखा गया है।
तेज होगी प्रकिया
गौरतलब है कि तेज गति प्रकिया के तहत खरीद हो रही है। सामान्य खरीद में करीब 3 साल तो केवल हथियारों के परीक्षण में ही लग जाते हैं। इस खरीद में मौके पर ही हथियारों का परीक्षण कर मंजूरी दी जाती है और वास्तविक निर्माता से ही हथियार खरीदा जाता है।