नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के बीच तल्खी बढ़ रही है। कुछ दिनों पहले इसका नजारा तब दिखा था जब तेजप्रताप यादव ने मीडिया में अपनी पार्टी के कुछ लोगों पर सवाल खड़े किए थे और तेजस्वी यादव ने भी मीडिया में ही जवाब दिया था। आरजेडी अपना 22वां स्थापना दिवस पांच जुलाई को मनाने जा रही है, इसके लिए समर्थकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं लेकिन उसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का नाम नहीं है।
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आरजेडी के भीतर चल रहे उठापटक पर विपक्षी पार्टी और नेता खूब चुटकी ले रहे हैं। हालांकि आरजेडी इसे मामूली बात करार दे रही है। आरजेडी के नेता का कहना है कि आमंत्रण पत्र में सबका नाम नहीं होता है। पार्टी सुप्रीमो या कार्य संभालने वाले का नाम होता है। बीजेपी नेता और एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि तेजप्रताप अपने घर और पार्टी दोनों जगह उपेक्षित हैं। उन्होंने कहा कि अभी और भी ऐसे मामले देखने को मिल सकते हैं। तेजप्रताप को मजबूती से अपने परिवार के सामने खाड़ा होना होगा।
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लालू यादव के दोनों बेटों में हो रहे तकरार पर जेडीयू प्रवक्ता उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। आरजेडी के अंदर और भी लोग उपेक्षित हैं। मौजूदा समय में भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव एक जमाने लालू यादव के बेहद नजदीक रहे थे, लेकिन बाद में उनकी उपेक्षा होने लगी। आरजेडी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर आखिरकार रामकृपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप ने कहा था कि राबड़ी देवी से भी बात करते हैं, लेकिन उनकी कोई सुनता ही नहीं है।