इंसानों और जानवरों की दोस्ती तो जगजाहिर है। आपने और हमने कई ऐसी मिसालें देखी और सुनी होंगी। इसके साथ ही आपने यह कहावत भी जरूर सुनी होगी कि ‘‘जल में रहकर मगर से बैर’’। आज हम आपको इससे ठीक विपरीत बात बताने वाले हैं। जल में रहकर मगर से दोस्ती! आप सोच रहे होंगे कि जो मगरमच्छ किसी भी जानवर या इंसान के वजूद को पल भर में खत्म कर देता है उसके साथ एक इंसान कैसे आराम से घंटों खेल सकता है। आज भले ही वो मगरमच्छ इस दुनिया में नहीं है इसके बावजूद लोग उसकी दोस्ती की मिसाल देते हैं। आइए हम इसके बारे में बताते हैं।
चिटो और पोचो की दोस्ती
आपको बता दें कि लोगों ने इन दोनों की दोस्ती को देखने के बाद मछुआरे गिलबर्टो का नाम चिटो और उसके दोस्त यानी की मगरमच्छ का नाम पोचो रखा था। चिटो और पोचो घंटों एक दूसरे के साथ पानी में खेल करते रहते थे। पोचो यानी कि मगरमच्छ चिटो को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता था। पोचो मगमच्छ की लंबाई 5 फीट था और उसका वजन करीब 150 पाउंड था।
ऐसे आए दोनों करीब
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार किसी शिकारी ने मगरमच्छ को गोली मार दी थी इसके बाद घायल अवस्था में यह चिटो का नदी के किनारे मिला था। चिटो ने उसका इलाज कराया। वह हमेशा उसके पास रहता था। इसी दौरान दोनों आपस में इतने घुलमिल गए कि चिटो को देखते ही पोचो उससे लिपट जाता था। वहां की सरकार ने चिटो यानी गिलबर्टो को उस मगरमच्छ का ख्याल रखने की जिम्मेदारी दी थी। दोनों घंटों पानी में खेलते रहते थे। पोचो कहीं भी हो चिटो की आवाज सुनते ही वह फौरन उसके पास आ जाता था। जहां मगरमच्छ को देखते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं ऐसे में चिटो, पोचो की पीठ पर बैठाकर पानी में आराम से घूमता रहता था। अभी कुछ समय पहले उस मगमच्छ की मौत हो गई। गिलबर्टो ने उसका अंतिम संस्कार बिल्कुल इंसानों की तरह किया। हजारों लोग दोनों की दोस्ती की अंतिम दृश्य के गवाह बने थे।