शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत राज्य के 10 डिग्री काॅलेजों में दक्षता एवं उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों के जरिए हर साल 2500 छात्रों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से बड़ी कंपनियों में विद्यार्थियों को प्लेसमेंट दिलाई जाएगी। कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। युवाओें को निजी क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाओं की राह दिखाने के लिए केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि इन केंद्रों के जरिए युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार की राह दिखाई जाएगी। यहां छात्रों का कैरियर काउंसलिंग भी किया जाएगा। इसके बाद छात्रांे को आईडी के साथ रजिस्टर करने के बाद उनकी पसंद के क्षेत्र वाली कंपनियों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही कंपनियों के बड़े अधिकारियों को काॅलेज में बुलाकर छात्रों को देश और विदेशों में सफल होने के गुर भी बताए जाएंगे।
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यहां बता दें कि प्रदेश सरकार अपने दृष्टिपत्र में किए गए वादों को पूरा करने के क्रम में यह कदम उठाया है। गौर करने वाली बात है कि इस योजना के तहत 2500 नौजवानों को रोजगार दिलाने के साथ ही करीब 500 से ज्यादा नौजवानों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट एवं दक्षता केंद्रों को कोटशेरा, नालागढ़, पावंटा साहिब, नादौन, धर्मशाला, मंडी, ऊना, बिलासपुर, संजौली और सोलन कॉलेज में खोला जाएगा। मंत्रिमंडल ने राज्य लोकसेवा आयोग के माध्यम से प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 25 प्रिंसिपलों की सीधी भर्ती करने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा प्रिंसिपलों के अन्य पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।
गौर करने वाली बात है कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत उच्च शिक्षा में गुणात्मकता लाने के लिए प्रदेश में हायर एजूकेशन काउंसिल गठित किया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में काउंसिल गठित करने को मंजूरी दी गई है। खबरों के अनुसार शीतकालीन सत्र में हायर एजूकेशन काउंसिल बिल को पेश किया जा सकता है।