नई दिल्ली । वन रैंक- वन पेंशन के तहत अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से जंतर-मंतर पर धरना कर रहे लोगों को सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस ने वहां से हटा दिया। NGT के आदेश के बावजूद जंतर-मंतर पर डटे इन आंदोलनकारियों को बस में बैठाकर यहां से दूर ले जाया गया। हालांकि इस दौरान कुछ पूर्व जवानों ने पुलिस वालों पर बदसलूखी करने का आरोप लगाया है। पूर्व सैनिकों के साथ ही पुलिस वालों ने वहां प्रदर्शन कर रहे कुछ अन्य संगठनों के लोगों को भी वहां से हटा दिया है।
बता दें कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को वहां से हटने के लिए नोटिस जारी किया था। जारी नोटिस में 5 अक्टूबर को NGT की ओर से जारी किए आदेश का हवाला देते हुए लोगों को धरना स्थल से हटने के आदेश दिए गए थे। एनजीटी ने यह आदेश वहां होने वाले ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर लिया था।
इस नोटिस के तहत सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस के जवानों ने यहां वन रैंक-वन पैंशन की मांगों को लेकर धरना दे रहे लोगों को हटाया। इन लोगों को बस में बैठाकर धरनास्थर से दूर ले जाया गया। इस जद्दोजहद में कुछ महिलाओं समेत अन्य लोगों की पुलिस वालों से नोंकझोंक भी हुई। वन रैंक वन पेंशन को लेकर प्रदर्शन में शामिल रहीं माला शर्मा और सुदेश गोयत ने इस दौरान कहा कि जवानों ने लोगों को वहां से हटाने में खराब बर्ताव किया है।
वहीं पिछले सौ दिनों से आर्थिक सुरक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने कहा कि वे धरना स्थल छोड़कर नहीं जाएंगे। वे नोटिस के खिलाफ कानूनी सलाह ले रहे है। इसी क्रम में जंतर-मंतर पर पांच साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे संतोष मूरत सिंह को भी नोटिस मिला है। उत्तर प्रदेश निवासी संतोष ने नोटिस को सकारात्मक रूप में लिया है। उनका कहना है कि नोटिस जिंदा लोगों के नाम जारी होता है। इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहा हूं। आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, इसलिए कुछ संगठनों से भी संपर्क किया है।