नई दिल्ली। आॅफिस आॅफ प्राॅफिट मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के बाद हरियाणा की भाजपा सरकार की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। हरियाणा के भी 4 विधायकों की सदस्यता इसी मामले में जा सकती है। एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें कहा है कि हरियाणा सरकार में 4 विधायकों ने पद पर रहते हुए सीपीएस पद के सारे लाभ लिए। ये मामला भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के लाभ के दायरे में ही आता है। बता दें कि आम आदमी द्वारा अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया था इस वजह से चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति ने भी मंजूरी देकर अधिसूचना जारी कर दी थी।
वकील ने दायर की याचिका
गौरतलब है कि जगमोहन सिंह भट्ठी की इस याचिका के बाद चारों विधायक कमल गुप्ता, बख्शिश सिंह विर्क, सीमा त्रिखा और श्याम सिंह राणा की विधानसभा सदस्यता जा सकती है। भट्टी ने कहा है कि संविधान के आर्टिकल 190 और 102 तहत हरियाणा के चारों विधायकों की सदस्यता रद्द होनी चाहिए। यहां बता दें कि 5 जुलाई 2017 को हाइकोर्ट ने इन चारों विधायकों को सीपीएस के पद से हटा दिया था लेकिन अब इनकी सदस्यता को रद्द करने की मांग की जा रही है।
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दिल्ली और हरियाणा की स्थिति अलग-खट्टर
यहां बता दें कि इस याचिका पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा की स्थिति अलग है। हमारे पास पहले से ही एक कानून है लेकिन कोर्ट ने जब कहा कि यह सही नहीं है तो हमने उन्हें पहले ही हटा दिया है।