नई दिल्ली। दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की एक बार फिर से दिल्ली के बाहर अपनी पैठ बनाने की कोशिश नाकाम साबित हो गई है। 5 में से 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन वे अपना जमानत बचाने में कामयाब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि चारों प्रदेशों में आप को मिले वोट नोटा से भी कम रहे हैं। पार्टी के इस हश्र पर दिल्ली प्रदेश संयोजक व मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रभारी गोपाल राय का मानना है कि आप ने संगठन विस्तार के नजरिए से चुनाव लड़ा था और इसका मकसद पूरा हो गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन वहां भी वे जीत दर्ज नहीं कर पाए। इस बार भी पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का दावा किया था लेकिन प्रत्याशियों के जमानत बचाने में भी नाकामयाब रहने से पार्टी को इस बात का एहसास हो गया कि उसे अभी राष्ट्रीय स्तर पर उभरने के लिए काफी कुछ करना है।
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यहां बता दें कि आम आदमी पार्टी ने राजस्थान में 142 सीट, मध्य प्रदेश में 208 छत्तीसगढ़ में 85 सीटों एवं तेलंगाना की 41 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और नेता गोपाल राय ने भी कड़ी मेहनत की लेकिन वे कामयाब नहीं रहे। पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक और एमपी एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के चुनाव प्रभारी गोपाल राय ने कहा कि पार्टी ने संगठन विस्तार के मकसद से चुनाव लड़ा था।