नई दिल्ली। प्रधानमंत्री द्वारा एक साक्षात्कार में राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से अध्यादेश नहीं लाने की बात पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में विहिप कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यह लोगों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है और इस पर अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं किया जा सकता है और सरकार इसके लिए कानून लाए। उन्होंने भाजपा को उसकी मेनीफेस्टो की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि वे अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पूरा साधु समाज उनके साथ है और वे जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का काम शुरू करवाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार शाम को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि राम मंदिर का मुद्दा पिछले 70 सालांे से लटका हुआ है और इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। पीएम ने कहा कि फिलहाल यह मसला कोर्ट में है और सरकार इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं कर सकती है। न्यायपालिका के फैसले के बाद सरकार अपनी प्रतिबद्धता पर खरी उतरेगी। उनके इस बयान के बाद साधु समाज में एक निराशा फैल गई है।
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यहां बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ बड़ा मुद्दा है और भाजपा ने सत्ता में आने से पहले इसका वादा किया था वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराएगी। आलोक कुमार ने कहा कि समाज अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का और इंतजार नहीं कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रयागराज में कहाकुंभ के दौरान 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा जिसमें मंदिर निर्माण से जुड़ी रणनीति पर विचार किया जाएगा।