नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मोदी सरकार पर हमले के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने अपने अंदाज में पलटवार किया है। सोनिया गांधी के आरोपों का जवाब दिया केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कमजोर आधार पर संसद के शीतकालीन सत्र में व्यवधान पैदा करने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने भी अतीत में ऐसा किया है।
भाजपा नेताओं ने इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष से पूछा कि अचनाक उनमें संसद के प्रति इतनी आस्था कैसे जग गई। इतना ही जेटली ने कहा कि चुनाव के समय में पहले भी कई बार संसद सत्र का कार्यक्रम पुनर्निर्धारित किया गया है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में 9 और 14 दिसंबर को होना है। संसद का शीतकालीन सत्र आम तौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है।
सूत्रों के अनुसार सरकार दिसंबर के दूसरे हफ्ते में तकरीबन 10 दिनों का संक्षिप्त शीतकालीन सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। अगले कुछ दिनों मे कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालने जा रहे राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि इतने सालों में उनकी उपस्थिति संसद में कभी भी अच्छी नहीं रही।
सोमवार को सोनिया ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में केंद्र पर हमला किया था। जेटली ने राजकोट से और भूपेंद्र ने बयान जारी कर उसका जवाब दिया। जेटली ने कहा कि चुनाव के वक्त में संसद का सत्र पहले भी टलता रहा है। वहीं भूपेंद्र ने 1981, 1990, 1993, 2011 का हवाला देते हुए संसद के सत्र टलने की बात कही। वस्तुत: 1990 में तो शीतकालीन सत्र क्रिसमस के बाद शुरू हुआ था और मध्य जनवरी तक चला था।