नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर विधानसभा के भंग होने के बाद मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा नेता राम माधव ने अपने एक बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने अपना यह बयान एनसी नेता उमर अब्दुल्ला के विरोध के बाद वापस लिया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के फैसला का स्वागत करते हुए राम माधव ने एसी-पीडीपी और कांग्रेस के एकसाथ आकर सरकार गठन की कवायदों को पाकिस्तान समर्थित करार दिया था, जिसपर उमर अब्दुल्ला ने राम माधव को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उनमें दम है तो अपनी बातों का सबूत दें या माफी मांगे। इस पर अब भाजपा नेता का बयान आया है कि जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।
भाजपा नेता का एनसी और पीडीपी पर तीखा हमला, कहा-सीमा पार से मिले सरकार बनाने के निर्देश
बता दें कि जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि पिछले दिनों पीडीपी और एनसी ने निकाय चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया था। वो ऑर्डर भी उन्हें सीमा पार से आया था। अब ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए उन्हें नए आदेश मिले होंगे, जिसके संज्ञान में आने के बाद राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का फैसला लिया।
जम्मू -कश्मीर विधानसभा भंग करने पर बोले राज्यपाल, कहा-किसी तरह का पक्षपात नहीं किया
इस पर नेशनल कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राम माधव के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि या तो राम माधव अपने आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करते हुए जनता के बीच आएँ या उन्हें अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी होगी। इस मामले के गर्माने और सियासी पारा चढ़ने पर अब राम माधव ने नया बयान जारी करते हुए अपने बयान को वापस लिया है। राम माधव ने ट्वीट करते हुए लिखा है - मैं अपने शब्द वापस लेता हुं लेकिन पीडीपी और एनसी का सरकार बनाने का प्रयास असफल रहा। मेरा बयान राजनीतिक था इसमें व्यक्तिगत कुछ नहीं था।