नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को राफेल विमान सौदे पर अपने फैसले के बाद एक पत्रवार वार्ता बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोर्ट ने एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास पहले कभी नहीं हुआ, लेकिन दुख यह रहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष ने यह झूठ फैलाया। अपने निजी फायदों के लिए उन्होंने ऐसा किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पैर नहीं होते, कोर्ट ने अपने फैसले से ऐसे लोगों के मुंह पर चमाचा मारा है। उस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उठाए गए मुद्दों पर बड़ी स्पष्टता से अपना आदेश खुली अदालत में सुनाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा की प्रक्रिया के लिए की जा रही गतिविधि पर गतिरोध करके देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है, इसके लिए उन्हें देशवासियों और देश के जवानों से माफी मांगनी चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने संतुष्टि जताई है, साथ ही एयरक्राफ्ट की गुणवत्ता और उसकी जरूरतों को कोर्ट ने मान्य किया है, जिसपर कोई संदेश नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जब पड़ोसी देश की सेनाएं जब फोर्थ जनरेशन के लड़ाकू विमानों से सुसज्जित हो तो भारत के लिए भी यह विमान जरूरी है। अमित शाह ने ऑपसेट पार्टनर को लेकर मचाए गए हो हल्ले पर कोर्ट के रुख को बताते हुए कहा कि सरकार ऐसे पार्टनर को लेकर कोई भूमिका नहीं निभाता।
अमित शाह ने कोर्ट के आदेश को रखते हुए कहा कि किसी को आर्थिक लाभ पहुंचाए जाने का कोई तथ्य सामने नहीं आया है, जिससे बाद कुछ लोगों के लिए यह बयान एख तमाचा है। जिन लोगों ने देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है, मुख्यता राहुल गांधी ने , उन्हें देश की जनता और देश के जवानों के बीच संदेह पैदा करने का काम किया है। ऐसे में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की बी टीम राफेल सौदे को लेकर सभी संदेह को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई हुई थी लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को नकार दिया है।