नई दिल्ली। राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) के पास पहुंची कांग्रेस को सिर्फ बातों के जरिए आरोप लगाने के बजाय सबूत पेश करने के लिए कहा गया है। कांग्रेस नेताओं को कैग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आरोपों के आधार पर जांच करना मुश्किल है क्योंकि उनके पास सौदे से संबंधित सबूत नहीं है। बता दें कि कांग्रेस ने राफेल सौदे में सरकार पर बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष समेत पार्टी के नेता इस बात को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के आरोपों पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि फ्रांस के साथ किए गए सौदे में किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया गया है और वायुसेना की जरूरतों के मुताबिक ही सौदा किया गया है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष ने लड़ाकू विमान के सौदे में पीएम और रक्षामंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने सीधा पीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने उन्हें चोर कहा है।
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यहां बता दें कि विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की थी लेकिन सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच कैग करेगा। इसके बाद सभी कांग्रेसी नेता गुरुवार को कैग के कार्यालय पहुंच गए। नेताओं के आरोपों को सुनने के बाद कैग की ओर से कहा गया कि सिर्फ आरोप लगाने से मामले की जांच नहीं हो सकती है इसके लिए सबूत पेश करें।
गौर करने वाली बात है कि पार्टी का कहना है कि फ्रांस ने एक गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है और यह साफतौर पर जनता के पैसों की लूट है। कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में कहा है, राफेल सौदा भारत के सबसे बड़े रक्षा घोटाले के तौर पर सामने आया है। रोजाना इसका एक नया सच सामने आ रहा है और रक्षा मंत्रालय इसपर कोई जवाब नहीं दे रही है। इस सरकाइर का केवल सच टाल-मटोल है। राफेल सौदे में किए गए ‘भ्रष्टाचार’ और ‘क्रोनिज्म’ में तुरंत हस्तक्षेप की जरूरत है।