नई दिल्ली। नोएडा में हुए बहुचर्चित निठारी हत्याकांड के 9वें मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर और नौकर सुरेन्द्र कोली को दोषी करार दिया है। बता दें कि इससे पहले बुधवार को इन दोनों की सुनवाई की बहस पूरी हो गई थी जिसमें कोली ने सीबीआई की जांच पर उंगली उठाई थी। बता दें कि इन दोनों पर निठारी हत्याकांड के 16 मामले कोर्ट में दर्ज हैं जिनमें से 8 पर फैसला सुनाया जा चुका है। यह फैसला निठारी से 21 साल की युवती के गायब होने के मामले में सुनाई गई है।
सीबीआई की जांच पर सवाल
गौरतलब है कि बुधवार को हुई सुनवाई में गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहा सुरेन्द्र कोली सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत में पेश हुआ। यहां थोड़ी देर चली बहस में कोली ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए जबकि सीबीआई के वकील ने इसका विरोध किया। इसके बाद बहस पूरी हो गई।
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मोबाइल से मिला सुराग
आपको बता दें कि नोएडा के निठारी इलाके से साल 2005 में लगातार बच्चों के गायब होने के मामले सामने आने के बाद लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस की कई टीमों ने वहां जाकर तफ्तीश की थी। 7 मई 2006 को 21 साल की एक और लड़की जब गायब हुई तो पुलिस को अहम सुराग उसके मोबाइल से मिला। पुलिस ने उस नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई गई जिसके बाद मोनिंदर सिंह पंधेर का नाम सामने आया था इसके बाद पुलिस ने इस मामले में पंधेर और उसके नौकर कोली को आरोपी बनाया। बता दें कि पंधेर-कोली पर निठारी कांड में कुल 16 मुकदमे चल रहे हैं जिनमें से 8 मामलों में विशेष अदालत से फैसला सुनाया जा चुका है। यहां बता दें कि मोनिंदर पंधेर का नाम सामने आने के बाद पूरे निठारी मामले का खुलासा हुआ था, जिसमें 15 से ज्यादा बच्चियों और लड़कियों का रेप किया गया था और रेप के बाद उन्हें मारकर पंढेर के घर में दफन कर दिया गया था।
सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा
निठारी कांड के 6 मामलों में कोर्ट सुरेंद्र कोली को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना चुकी है। पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट ने कोली को एक लड़की के मर्डर केस में किडनैपिंग, रेप और सबूत मिटाने का दोषी पाया था। इससे पहले के भी 5 मामले में सीबीआई कोर्ट ने कोली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।