नई दिल्ली। सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को देश के महत्वपूर्ण और पेचिदा केस सुलझाने के लिए सौंपा जाता रहा है। इन दिनों सीबीआई के भीतर ही उलझन हैं। दरअसल यहां के अधिकारी और कर्मचारी दो गुट में बंट गए हैं। आलोक वर्मा के डायरेक्टर बनते ही सीबीआई के भीतर जंग शुरू हो गई थी। वर्मा ने सीबीआई में कुछ बहाली करने की कोशिश की थी लेकिन सीबीआई में नंबर टू अस्थाना ने नए अधिकारियों को रखे जाने का विरोध किया था क्योंकि उनका पिछला रिकार्ड ठीक नहीं था। उनके पहले एक्टिंग डायरेक्टर के रूप में राकेश अस्थाना सीबीआई का काम देख रहे थे।
हाल में आलोक वर्मा ने सीवीसी को एक पैगाम सुनाया है कि सीबीआई में सबसे बड़ा पद उनके पासा है। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को क्यों प्रवेष दिया जाता है। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और सीवीसी के बीच पहले से ही तनातनी चली आ रही है। फिलहाल वर्मा विदेश में है, ऐसे में उन्होंने नए अधिकारियों की बहाली को लेकर सीवीसी की होने वाली बैठक पर ऐतराज जताया है। माना जा रहा है कि ऐसा कर उन्होंने राकेश अस्थाना पर हमला बोला है क्योंकि उनकी गैरमौजूदगी में अस्थाना ही सीबीआई की कमान संभालते हैं।
राकेश अस्थाना को काबिल अफसर माना जाता है। अस्थाना ने लालू यादव के चारा घोटाला मामले को उजागर किया था। उनके सहकर्मी उनसे खुन्नस रखते हैं। गुजरात से होने के कारण दूसरों को लगता है कि शीर्ष नेतृत्व के करीब हैं। फिलहाल सीबीआई में नई बहाली टल गई है। लेकिन आपसी जंग पर विराम नहीं लगा है