नई दिल्लीः ईवीएम बनाम बैलट पेपर की बहस के बीच देश के मुख्य चुनवा आयुक्त ने एक बड़ी मांग सरकार से कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पेपर ट्रेल मशीनों के लिए सरकार जल्द से जल्द फंड दे। जैदी ने ईवीएम और बैलट पेपर को लेकर चल रही बहस के बीच सरकार से आग्रह किया है कि मौजूदा माहौल में वह जल्द से जल्द फंड जारी करे, ताकि अगले लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीनें हर हाल में जोड़ी जा सकें।
आयोग पहले ही सरकार को अलर्ट कर चुका
पत्र में सीईसी जैदी ने लिखा है कि सरकारको पहले ही सूचित किया जा चुका है कि वीवीपैट की सप्लाईइ के लिए ऑर्डर फरवरी, 2017 तक नहीं दिया गया तो सितंबर, 2018 तक इन मशीनों की सप्लाई मुशिक्ल हो जाएगी। अगर 2019 का लोकसभा चुनाव वीवीपैट से कराना है, तो चुनाव आयोग को सभी मतदान केद्रों को कवर करने के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की जरूरत होगी। इस पर 3,175 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।
कानून मंत्री को लिखा है पत्र
जैदी ने यह बातें एक पत्र में देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखी हैं। उन्होंने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को वह डेडलाइन बताने के लिए कहा है, जब वह पेपर ट्रेल प्रणाली यानी वीवीपैट पूरी तरह से अमल में ला सकेगा। माना जा रहा है कि पत्र में मौजूदा माहौल लिखने की वजह राजनीतिक पार्टियों के द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ईवीएम की निष्पक्षता पर उठाए जा रहे सवाल हैं।
राजनीतिक दल कर रहे हैं ईवीएम का विरोध
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद से ही विपक्षी दल ईवीएम की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं। आप, बसपा और सपा लगातार ही ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेता ईवीएम के मुद्दे पर बंटे हुए दिख रहे हैं।