नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक प्रत्याशी के दो सीटों से चुनाव लड़ने के नियम को जायज बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर जन प्रतिनिधि कानून की धारा-33 (7) को सही बताया है जबकि चुनाव आयोग का कहना है कि एक उम्मीदवार को एक से अधिक सीटों पर लड़ने की इजाजत देने का प्रावधान सही नहीं है। इससे सरकारी राजस्व का नुकसान होता है। केन्द्र सरकार ने भाजपा नेता की उस याचिका का भी विरोध किया है जिसमें एक नेता के 2 सीटों से चुनाव लड़ने की इजाजत पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि जनप्रतिनिधि कानून नेताओं को 2 सीटों से चुनाव लड़ने का अधिकार देता है। इस प्रावधान में संशोधन करना उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन होगा। बता दें कि पहले कोई भी उम्मीदवार कितनी भी सीटों से चुनाव लड़ सकता था लेकिन 1996 में इस नियम में संशोधन कर एक उम्मीदवार के 2 सीटों पर से चुनाव लड़ने को मंजूरी दी गई।
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यहां बता दें कि भाजपा के ही नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक उम्मीदवार के लोकसभा या विधानसभा की 2 सीटों पर चुनाव लड़ने की इजाजत पर रोक लगाने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने भी इसका विरोध करते हुए कहा था कि एक उम्मीदवार के 2 जगहों से चुनाव लड़ने के चलते सरकारी राजस्व का काफी नुकसान होता है। सरकार ने कहा है कि उम्मीदवारों के अधिकार और सरकारी राजस्व पर पड़ने वाले बोझ के बीच संतुलन जरूरी है। आयोग ने कहा कि उसने 2004 और 2016 में सरकार को प्रस्ताव भेजकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। आयोग के इस रुख का समर्थन विधि आयोग ने भी किया था।