बिश्केक । किर्गिज गणराज्य की राजधानी बिश्केक में आयोजित दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्य देशों को संबोधित किया । इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद के मुद्दे पर उसे घेरा। इस बीच आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की घेराबंदी के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा - भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं । उन्होंने आशा जताई कि पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने प्रचंड जनादेश का उपयोग करेंगे । हालांकि इस सम्मेलन को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है । वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है ।
सबसे बुरे दौर में हमारे संबंध - इमरान खान
एससीओ में शिरकत करने के लिए बिश्केक रवाना होने से पहले विदेशी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा था- एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है । इस सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है । उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं ।
किसी भी मध्यस्ता के लिए तैयार
अपने देश की पटरी से उतरी आर्थिक स्थिति को लेकर कड़े फैसले लेने के बाद इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है । हम अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं ।
कश्मीर मतभेद का मुख्य मुद्दा
इमरान खान बोले - भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है। यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से हमें इस मामले में भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है । लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे । इमरान खान ने कहा, हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं । लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है।