नई दिल्ली । मोदी सरकार एक बार फिर आम बजट की तैयारियों में जुट गई है। इस बार बजट में कई लोकलुभावन योजनाएं आ सकती हैं क्योंकि इस साल करीब 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह आम बजट काफी निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। हालांकि इस सब से पहले आगामी 18 जनवरी को जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक होने वाली है। आम बजट से पहले जीएसटी काउंसिल की इस अहम बैठक में संभावना जताई जा रही है कि लोगों को राहत देने वाले कुछ फैसलों पर मुहर लगेगी। मसलन संभावना है कि इस बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लोकलुभावन फैसले पर मुहर लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी गिरावट दर्ज होगी। सूत्रों का भी कहना है कि पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई थी, जबकि इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी सहमति जता दी है। ऐसे में इस बार जीएसटी काउंसिल इस मुद्दे पर अपनी मुहर लगाकर लोगों को बड़ी राहत दे सकती है। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल का दाम 40-45 रुपये के करीब आ सकता है।
जेटली-प्रधान कर चुके हैं मांग
बता दें कि इस बार इस की जीएसटी काउंसिल बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी पेट्रोल-डीजल को को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि इस समय पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। दिल्ली में डीजल 60 रुपये से ऊपर पहुंच गया है तो पेट्रोल भी एक बार फिर 80 के स्तर पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल मुम्बई में एक लीटर पैट्रोल 77 रुपये के पार चल रहा है।
बजट से पहले सौगात
ऐसे में जानकार मान रहे हैं कि जीएसटी काउंसिल आम बजट से पहले देश की जनता को एक बड़ी सौगात दे सकती है। इतना ही नहीं पेट्रोल डीजल के साथ ही रियल एस्टेट को भी जीएसटी के तहत लाने पर भी फैसला हो सकता है। खुद वित्त मंत्री इसका संकेत दे चुके हैं कि रियल एस्टेट को जीएसटी के तहत लाया जाएगा।
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पत्र का दिखने लगा असर
केंद्रीय मंत्री के पेट्रोल डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती संबंधी पत्र का असर दिखने लगा है। अभी तक भाजपा शासित कुछ राज्य सरकारों ने अपने यहां टैक्स में कटौती कर लोगों को राहत दिए जाने की घोषणा की है। खबरों के अनुसार, अभी तक मध्य प्रदेश उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश ने अपने यहां टैक्स घटाने की बात कही है, लेकिन जल्द ही अन्य भाजपा शासित राज्य भी इस तरह का ऐलान कर सकते हैं।
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इन राज्यों में है भाजपा सरकार
बता दें कि वर्तमान में इन 15 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, आसाम, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, जम्म्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान में भाजपा की सरकार है. बिहार, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार है। ऐसे में अगर मोदी सरकार की सलाह पर इन सभी ने रुचि दिखाई तो इन राज्यों की जनता को सस्ते तेल के दाम तोहफा जल्द मिल सकता है।