नई दिल्ली/अहमाबाद । भाजपा के खिलाफ अपनी मुहिम में गुजरात के युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को अपने साथ लेना अब कांग्रेस को भारी पड़ता दिख रहा है। पिछले दो सालों से पाटीदार आरक्षण आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले हार्दिक ने पिछले दिनों भाजपा के खिलाफ अपनी मुहिम छेड़ने के साथ ही कांग्रेस को भी इस समय दुविधा में डाल दिया, जब उसने कांग्रेस से भी पाटीदारों को आरक्षण देने के मुद्दे पर पार्टी से उनका रुख पूछ लिया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में हार्दिक पटेल की मांगों को लेकर दो गुट हैं, जहां एक बड़ा गुट उनकी मांगों को मानना, मतलब अपने लिए आफत करार दे रहा है, वहीं कुछ नेता ऐसे हैं तो मौजूदा हालात को देखते हुए हार्दिक की मांग को स्वीकार कर लेने की बात कह रहे हैं। बात साफ है कि कांग्रेस के लिए गुजरात चुनावों में पाटीदारों के एक गुट का साथ होना अहम मान रही है। इसी के मुद्देनजर शुक्रवार को कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत और युवा हार्दिक पटेल के बीच एक बैठक होने जा रही है। पार्टी आज विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर सकती है।
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माथापच्ची में लगी है कांग्रेस
असल में गुजरात चुनावों को आगामी लोकसभा के लिए भी एक अहम सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे समय में जहां दुनिया की कुछ सर्वें एजेंसियां पीएम मोदी की लोकप्रियता को बढ़ता हुआ बता रही हैं, वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता में पिछले सालों की तुलना में गिवारट आई है। इस सब के बीच गुजरात चुनाव में कांग्रेस पाटीदारों को आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल की मांग पर माथापच्ची कर रही है। पार्टी का मानना है कि अभी हार्दिक को अपने साथ रखना जहां फायदेमंद है, वहीं उनकी मांग को मानना आने वाले समय में आफत भरा साबित होगा।
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गहलोत-हार्दिक आज करेंगे चर्चा
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत पाटीदारों के आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को युवा नेता हार्दिक पटेल के साथ बैठक कर रहे हैं। इस दौरान आरक्षण की मांग पर चर्चा की जाएगी, हालांकि इससे पहले हार्दिक कांग्रेस को भी चुनौती दे चुके हैं कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो सूरत में जिस तरह अमित शाह की रैली को नहीं होने दिया गया था ऐसा ही कांग्रेस के साथ भी हो सकता है। इशारा साफ था कि किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होने का दावा करने वाले हार्दिक सीडी प्रकरण में नाम सामने आने के बाद अब अपने समुदार के लोगों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर ज्यादा जोर देते दिखेंगे। ऐसे में कांग्रेस के लिए हार्दिक की मांग मानना आफत भरा साबित होने जा रहा है।
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सोनिया गांधी से मिले पाटीदार नेता
इससे इतर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई है। पार्टी आलाकमान की ओर से दिए गए निर्देशों के आधार पर ही अब हार्दिक पटेल से बातचीत की जाएगी। वहीं कुछ पाटीदार नेताओं ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की।
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गले ही फांस बना हार्दिक को गले लगाना
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल में आए सर्वों में सामने आया है कि गुजरात के पाटीदार समुदाय के महज 31 फीसदी लोग ही हार्दिक पटेल के साथ हैं। जबकि बड़ी संख्या में पाटीदार अभी भी भाजपा के साथ नजर आ रहे हैं। कुछ सर्वों में सामने आया है कि महज 3% लोग जाति देखकर वोट देने की बात कर रहे हैं। ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि वह पार्टी या कैंडिडेंट देखकर वोटिंग करेंगे। ऐसे में साफ हो रहा है कि पाटीदार नेता हार्दिक को भाजपा के खिलाफ गले लगाना पार्टी के लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है।
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हार्दिक का साथी भाजपा में
वहीं पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के पूर्व सहयोगी चिराग पटेल ने गुरुवार को गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की उपस्थिति में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में शामिल हो गए. हार्दिक पटेल के साथ-साथ चिराग पटेल भी राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद चिराग ने हार्दिक पर निजी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पाटीदार आरक्षण आंदोलन को हथियाने का आरोप लगाया।