Friday, April 26, 2024

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कठुआ गैंगरेप में फॉरेंसिक लैब ने हटाया सच से पर्दा, पीड़िता की फ्रॉक को आरोपियों ने धोया, ताकि खून का धब्बा न रह जाए

अंग्वाल न्यूज डेस्क
कठुआ गैंगरेप में फॉरेंसिक लैब ने हटाया सच से पर्दा, पीड़िता की फ्रॉक को आरोपियों ने धोया, ताकि खून का धब्बा न रह जाए

नई दिल्ली । पिछले कुछ समय से देश की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाला जम्मू-कश्मीर के कठुआ गैंगरेप और हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और बाद में उसकी हत्या मामले की फॉरेंसिक जांच के बाद आई रिपोर्ट ने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस रिपोर्ट में कई ऐसे सबूत पेश किए गए हैं, जिसके चलते अब आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। रिपोर्ट में इस बार का जिक्र किया गया है कि आरोपियों ने पीड़ित बच्ची की फ्रॉक को धोया था ताकि उसपर कोई खून का धब्बा न रह जाए। इसके साथ ही रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चीा शव के पास से मिले बाल के डीएनए आरोपी शुभम सांगरा के डीएनए प्रोफाइल से मेल खाते हैं। 

असल में जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने डीएनए सैंपलिंग के लिए 27 फरवरी को दिल्ली गृह मंत्रालय के सचिव को चिट्ठी लिखी, जिसके बाद उन्हें इसकी इजाजत मिल गई और दिल्ली एफएसएल ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। इसके बाद 1 मार्च को बच्ची के जननांगों से मिले लिक्विड के नमूने (वजाइनल स्मियर), उसके बाल और पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया व आरोपी शुभम सांगरा के खून के नमूने को सात पैकेटों में दिल्ली के फोरेंसिक लैब में भेजा गया। 14 दिनों के बाद मृत बच्ची के विसरा सैंपल (अंदरूनी अंगों के सैंपल) और दूसरे आरोपी परवेश के खून के सैंपल दिल्ली भेजा गया।

इसके एक दिन बाद यानि 16 मार्च को बच्ची के सलवार फ्रॉक, इलाके से कुछ मिट्टी व बच्ची के खून से सनी हुई मिट्टी भेजी गई। 21 मार्च को आरोपी विशाल जंगोत्रा के खून का सैंपल दिल्ली फोरेंसिक लैब भेजा गया। अगर फॉरेंसिक रिपोर्ट की मानें तो इस दर्दनाक वारदात के आरोपियों ने घटना के बाद सबूतों को मिटाने की हर संभव कोशिश की थी। आरोपियों ने पीड़ित बच्ची के सलवार फ्रॉक को धो डाला था, ताकि उस पर कोई खून का धब्बा न रह जाए। एसआईटी ने बच्ची के कपड़ों को पहले फोरेंसिक जांच के लिए श्रीनगर फॉरेंसिक लैब भेजा था लेकिन वो कोई राय नहीं दे पाए क्योंकि कपड़ों को धो कर बिल्कुल साफ कर दिया गया था। 


चार्जशीट में इस रिपोर्ट का ज्रिक करते हुए कहा गया कि दिल्ली फॉरेंसिक लैब के पास ज़्यादा अच्छी तकनीक है, इसलिए मृतक बच्ची के सलवार फ्रॉक के धब्बों की पहचान कर ली गई। जांच में पता चल गया कि ये खून के निशान पीड़िता के डीएनए से मेल खाते हैं, वैजाइनल स्मियर में उसका खून भी पाया गया। पुलिस की जांच में देवीस्थान से खून का धब्बा लगा हुआ एक लकड़ी का डंडा और कुछ बाल मिले मृत बच्ची की डीएनए प्रोफाइलिंग से पता चला कि सांझीराम ने उसे बंधक बनाकर रखा था । 

फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से ये भी पता चला कि शव के पास से मिले बाल के डीएनए आरोपी शुभम सांगरा के डीएनए प्रोफाइल से मेल खाता है। 

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