नई दिल्ली। असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा दिल्ली विधानसभा तक पहुंच गया है। दिल्ली से अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता आपस में उलझ गए। हालात इतने बिगड़े की हाथापाई तक की नौबत आ गई। हंगामा करते हुए दोनों पक्ष के नेता विधानसभा के वेल में पहुंच गए। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ी। हालांकि विपक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों पर मॉब लिंचिंग का आरोप लगाया है और इस बाबत विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को शिकायत पत्र दिया है।
गौरतलब है कि असम में इन दिनों अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। हाल ही में नेशनल रजिस्टर सिटीजंस की रिपोर्ट में करीब 40 लाख लोगों को अवैध बताया गया है। इस बात को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा है। सभी विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने में लगी हुई है।
यहां बता दें कि यही मुद्दा दिल्ली विधानसभा में भी उठा। विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में भी अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों को निकाला जाए और घुसपैठियों की पहचान कर उनके राशनकार्ड व मतदाता पहचान पत्र निरस्त किया जाए। इसके लिए उन्होंने नियम 280 का भी उल्लेख किया।
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गौर करने वाली बात है कि इसपर सत्ता पक्ष के विधायक अमानुतुल्लाह खां समेत अन्य सदस्यों के साथ तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। इसके बाद विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच गए। विपक्ष के वेल में पहुंचते ही सत्ता पक्ष के भी सभी सदस्य वेल में आ गए। इस दौरान आप विधायक अमानुतुल्ला खां व भाजपा विधायक ओपी शर्मा के बीच मार-पीट की नौबत आ गई। काफी बीचबचाव करने के बाद मामला शांत हुआ। विपक्ष ने इस पूरी घटना को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से लिखित शिकायत की है। नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।