नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में चल रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के करीब 125 स्कूलों को बंद कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर भाजपा और आरएसएस ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा नेता विनय कटियार ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ वोट की राजनीति के लिए ऐसा कर रही है जबकि राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी का कहना है कि जिन स्कूलों के पास एनओसी नहीं है या फिर जो राज्य के सिलेबस के अनुसार नहीं चल रहे हैं उन्हें बंद किया जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य शिक्षा विभाग ने मार्च 2017 में इन स्कूलों को दिए गए एफलिएशन की जांच शुरू की थी जिसमें पता चला कि करीब 125 स्कूल तीन ट्रस्टों शारदा शिशु तीर्थ, सरस्वती शिशु मंदिर, और विवेकानंद विद्या विकास परिषद द्वारा चलाए जा रहे हैं, जो विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध हैं। बता दें कि विद्या भारती का मुख्यालय लखनऊ में है। आपको बता दें कि राज्य में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीब 400 स्कूल हैं। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने बताया कि उन्हीं स्कूलों को बंद किया गया है जिनके पास नो आॅब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) नहीं हैं या फिर वे राज्य के सिलेबस के अनुसार नहीं चल रहे हैं। इस संबंध में दूसरे स्कूलों की भी जांच की जा रही है और उस पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
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मदरसों के बारे में सवाल पर चटर्जी ने कहा, ‘मदरसा मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है, हालांकि उनमें से भी कुछ की जांच की जा रही है। मंत्री ने कहा कि स्कूल सिलेबस के अनुसार चलना चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं।’ पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा कि संघ के स्कूलों में कट्टरवाद नहीं राष्ट्रवाद सिखाया जाता है। उन्होंने ममता बनर्जी को ही कट्टरवादी बता दिया। राज्य में आरएसएस के प्रवक्ता जिस्नु बसु ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सरकार का इरादा कुछ और है यह मामला सिर्फ शिक्षा का नहीं है।