नई दिल्ली। दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों से इलाज के लिए यहां के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बुधवार को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डाॅक्टर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के पूरी तरह लागू नहीं होने का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि इसके विरोध में दिल्ली सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज (जीटीबी, एमएएमसी, अंबेडकर, डीडीयू और संजय गांधी मेमोरियल) के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 19 दिसंबर को हड़ताल की घोषणा की है। डाॅक्टरों ने आज दिनभर हड़ताल का ऐलान किया है। डाॅक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता है तो 20 दिसंबर से अस्पताल में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
गौरतलब है कि डाॅक्टरों की हड़ताल के चलते इन अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित रहेगी जबकि आपातकालीन सेवाएं सुचारु रुप से जारी रहेंगी। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुमेध ने बताया कि लंबे समय से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कराने की मांग सरकार से कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें - पूर्व प्रधानमंत्री का पीएम मोदी पर तंज, कहा-मैं मीडिया से घबराने वाला पीएम नहीं था
यहां बता दें कि डाॅक्टरों की मांग पर सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डाॅक्टरर्स एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से लगातार मांग करने के बाद उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। खबरों के अनुसार अपनी मांगों को लेकर डाॅक्टरों ने देर रात तक सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 20 दिसंबर से अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि हड़ताल के दूसरे दिन निगम और केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं।