नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को सरकार को घेरने के कांग्रेस के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। लेखा परीक्षक की रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा सीएजी और अटाॅर्नी जनरल को बुलाने पर सदस्यों के बीच एकराय नहीं दिख रही है। टीडीपी सांसद सीएम रमेश इसके पक्ष में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि खड़गे से असहमति रखने वालों में विपक्षी पार्टियों के भी नेता हैं। बीजू जनता दल के नेता और सांसद भर्तुहरी महताब ने कहा कि पीएसी अध्यक्ष व्यक्तिगत अधिकारों के तहत एजी और सीएजी को बुला सकते हैं। बता दें कि राफेल की कीमत पीएसी को नहीं मिलने पर अध्यक्ष खड़गे ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे।
गौरतलब है कि पीएसी अध्यक्ष ऐसा पूरी समिति के सामने नहीं कर सकते हैं क्योंकि 2018-19 के लिए राफेल सौदा इसका एजेंडा नहीं था। राफेल सौदे पर सीएजी रिपोर्ट पीएसी के समक्ष नहीं रखी गई है। लोक लेखा समिति में सबसे ज्यादा समय बिताने वाले बीजू जनता दल के नेता महताब ने व्यक्तिगत तौर पर बुलाए जाने पर दोनों अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड नहीं होंगे।
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यहां बता दें कि महताब के बयानों से टीडीपी सांसद सीएम रमेश ने भी सहमति जताई है। वहीं भाजपा सदस्यों ने इसे सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने जैसा बताया है। आपको बता दें कि सरकार के द्वारा विमानों की कीमत सीएजी और कोर्ट को बता दी गई थी। इस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस पर हमलावर भाजपा को जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सरकार की ओर से कहा गया कि विमानों की कीमत पीएसी को बता दिया गया है लेकिन ताज्जुब की बात है कि पीएसी के अध्यक्ष को ही इसके बारे में पता नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या पीएसी की बैठक फ्रांस की संसद में चल रही है?