अहमदाबाद । सूरत की सेशंस कोर्ट ने शुक्रवार दुष्कर्म मामले में आरोपी आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को दोषी करार दिया है । इतना ही नहीं कोर्ट ने नारायण साईं के सहायक गंगा, जमुना, हनुमान को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया है । उसकी सजा का ऐलान कोर्ट आगामी 30 अप्रैल को करेगी । इससे पहले पुलिस ने सूरत निवासी पीड़ित बहनों के बयान और लोकेशन से मिले सबूतों के आधार पर नारायम साईं और आसाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था । दोनों बाप बेटों पर रेप का यह मामला काफी पुराना है । घटना के बाद से फरार भगोड़े नारायण साईँ को दिल्ली और सूरत पुलिस ने मिलकर हरियाणा में कुरुक्षेत्र के पास पीपली गांव से गिरफ्तार किया था ।
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बता दें कि सूरत की रहने वाली दो बहनों ने अक्तूबर 2013 में सूरत पुलिस ने नारायण साईं और उसके पिता आशाराम बापू के खिलाफ दो अलग -अलग बलात्कार, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बनाने की शिकायतें दर्ज करवाई थीं। इन बहनों ने पिता पुत्र पर अलग अलग शिकायतों में आरोप लगाए थे कि वर्ष 2002 से 2005 तक इन दोनों ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया। इन हरकतों को उस सयम अंजाम दिया गया जब वह सूरत आश्रम में रह रही थीं।
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पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की है। वहीं बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था । जहां सूरत की सेशंन कोर्ट ने शुक्रवार को नारायण साईं के खिलाफ मामले मे फैसला सुनाया है , वहीं आसाराम के खिलाफ गांधीनगर के कोर्ट में मामला चल रहा है ।
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विदित हो कि नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट में अब तक 53 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। इनमें से अधिकाश मुख्य गवाह थे , जिन्होंने नारायण को लड़कियों को अपने हवस का शिकार बनाते हुए देखा था या फिर इस कृत्य में मदद की थी । हालांकि बाद में वे गवाह बन गए थे ।