नई दिल्ली । अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा भगवान शंकर का जयघोष समेत यात्रियों द्वारा घंटी-मंजीरे न बजाए जाने संबंधी एनजीटी के आदेश पर अब ट्रिब्यूनल ने स्पष्टीकरण जारी किया है। एनजीटी ने कहा कि अमरनाथ को लेकर जारी आदेश को ठीक ढंग से नहीं पेश किया गया। हमने अपने किसी आदेश में मंत्रोच्चारण और आरती पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। हमारा सिर्फ इतना कहना था कि भक्त सिर्फ शिवलिंग के सामने शांति बनाए रखें। यात्रियों को गुफा की सीढ़ियों से पहले अपने पास मौजूद सामान को जमा कराना होगा। साथ ही गुफा में प्रवेश के लिए एक लाइन में चलना होगा।
अपने स्पष्टीकरण में एनजीटी ने कहा कि अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया है। हमने यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं। हालांकि एनजीटी का यह स्पष्टीकरण कुछ हिंदू संगठनों की आपत्ति के बाद आया है। विश्व हिंदू परिषद ने तो एनजीटी के पूर्व में सामने आए आदेश को हिंदुओं का अपमान करार दिया था। साथ ही एनजीटी से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी।
बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए जाते हैं. साथ ही कई जगहों पर घंटियां भी बजाते हैं. लैंड स्लाइड (पत्थर गिरने) की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एनजीटी ने यह कदम उठाया गया है। यही नहीं आदेश में यात्रियों के मोबाइल फोन पर भी बैन लगाने की बात कही गई है। इतना ही नहीं एनजीटी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि कुछ मंदिरों में बात करने की मनाही है और वहां पर साइलेंस जोन है, जैसे बहाई मंदिर, तिरुपति और अक्षरधाम में।