नई दिल्ली। रेल से सफर करने वाले यात्री इस खबर को ध्यान से पढ़ लें। 1 सितंबर से रेलवे आपसे उस सुविधा के पैसे लेने जा रहा है जो अभी तक आपको मुफ्त में दी जा रही थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं रेलवे द्वारा ई-टिकटों पर दी जाने वाली मुफ्त ट्रैवल इंश्योरेंस की। अब आपको यह सुविधा लेने के लिए ट्रैवल एजेंट के द्वारा टिकट बुक कराने पर ज्यादा पैसे देने होंगे। अब यह यात्रियों पर यह निर्भर करेगा कि वह यह सुविधा लेना चाहता है या नहीं।
गौरतलब है कि अभी तक रेलवे के द्वारा दुर्घटना होने की स्थिति मंे यात्रियों को 10 लाख रुपये का कवर दिया जाता था लेकिन अब रेलवे इसके लिए यात्रियों से पहले ही पैसे वसूल करेगा। हालांकि यह पूरी तरह से यात्रियों पर निर्भर करेगा कि वह यह सुविधा लेना चाहता है या नहीं।
यहां आपको बता दें कि आईआरसीटीसी की तरफ से दिसंबर 2017 से फ्री इंश्योरेंस की सुविधा दी जा रही है। ऐसा आईआरसीटीसी ने डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए किया था। इसके साथ ही आईआरसीटीसी ने डेबिट कार्ड से टिकट बुकिंग पर लगने वाले चार्ज को भी खत्म कर दिया था। बड़ी बात यह है कि रेलवे के द्वारा सभी श्रेणियों के यात्रियों को यह सुविधा दी जा रही थी। अगर रेल दुर्घटना के दौरान यात्री की मौत होने पर रेलवे के द्वारा उसे 10 लाख रुपये देने का प्रावधान है। स्थाई या फिर अस्थाई तौर पर विकलांग होने पर साढ़े 7 लाख रुपये देने का प्रावधान है। वहीं घायलों को 2 लाख रुपये देने का प्रावधान है।
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रेलवे ने यात्रियों को इंश्योरेंस की सुविधा देने के लिए आईसीआईसीआई लोम्बर्ड जनरल इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस से करार किया है। अब 1 सितंबर के बाद से यात्रियों को ई टिकट लेने पर एक टिकट पर 92 पैसे का भुगतान करना होगा, टैक्स सहित यह करीब एक रुपये होगा। आपको बता दें कि रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक करने पर ट्रैवल इंश्योरेंस की सुविधा नहीं मिलती है।