नई दिल्ली। मुख्य सचिव से मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सीएम केजरीवाल, उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्य सचिव से मारपीट वाले दिन सीएम आवास पर मौजूद सभी 11 विधायकों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अब दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री केजरीवाल के निजी सचिव विभव और उनके सलाहकार वीके जैन के दिए गए बयान को आधार बनाकर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी महीने में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई मीटिंग के दौरान मारपीट की गई थी। इसके बाद पुलिस ने विधायक प्रकाश जारवाल को उसी दिन आधी रात को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के अगले की दिन पुलिस ने सीएम कार्यालय से सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी।
यहां बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अपने आरोपपत्र में उनके करीबी रहे तीन लोगों की गवाही के आधार पर ही केजरीवाल को मारपीट का आरोपी बनाया गया है। मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे सेवानिवृत्त अधिकारी वीके जैन ने बताया कि उनके सामने की मुख्य सचिव से मारपीट हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रकाश जारवाल और अमानतुल्ला खान ने गला दबाकर कई थप्पड़ मारे थे।
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दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप पत्र में यह भी कहा कि किसी भी मुद्दे पर सिर्फ मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री ही मुख्य सचिव से जवाब मांग सकते हैं लेकिन केजरीवाल ने मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को विधायकों के सवालों का भी जवाब देने को कहा। पुलिस ने आरोपपत्र में यह भी कहा है कि मुख्य सचिव को दो विधायकों के बीच में बैठने को कहा गया जो कि बिल्कुल गलत है।
उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हरेंदर सिंह के मुताबिक, वीके जैन, विभव और विवेक यादव ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया है। पुलिस ने इन तीनों को सरकारी गवाह बनाया है। यहां पर बता दें कि विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव रहे हैं, जबकि वीके जैन मुख्यमंत्री के सलाहकार और विवेक यादव सभी विधायकों से समन्वय का जिम्मा संभालते रहे हैं।