नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने मंगलवार से अपना किराया फिर से बढ़ा दिया है। पिछले 5 महीने में यह दूसरा मौका है जब मेट्रो ने अपने यात्री किराये में वृद्धि कर दी है। अब न्यूनतम किराया 10 हो गया है, जबकि अधिकतम किराया 50 रुपये के बजाए 60 रुपये। इस सब से नाराज लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर भी दिखने लगा है। मंगलवार सुबह लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर कुछ लोग हाथों में पैनर-पोस्टर लेकर इस किराया वृद्घि का विरोध करते नजर आए। इन लोगों ने मेट्रो की यात्रा का बहिष्कार किए जाने का लोगों से अनुरोध किया। इसी तरह दिल्ली के अन्य मेट्रो स्टेशनों पर भी इस तरह कुछ एसोसिएशन हाथ में पोस्टर लेकर लोगों से मेट्रो की इस किराया वृद्धि के विरोध में बहिष्कार का अनुरोध करते दिखे। हालांकि कुछ लोग किराया वृद्धि की बात सुनकर बसों की ओर अपना रुख करते दिखे।
लोगों को बताया, बेतहाशा बढ़ गया है किराया
मेट्रो किराया वृद्धि के विरोध में सुबह कुछ मेट्रो स्टेशनों पर दिल्ली मेट्रो कम्यूटर्रस एसोसिएशन की ओर से बैनर-पोस्टर लेकर विरोध किया गया। कुछ लोग पर्चे बांटते दिखे, जिसमें यात्री किराया के विरोध में मेट्रो का बहिष्कार किए जाने की बातें लिखी हुई थी। इस दौरान यात्री किराया बढ़ाए जाने के विरोध में 10 अक्तूबर को को मेट्रो के बहिष्कार की अपील लोगों से की गई। वहीं कुछ लोग हाथों में पोस्टर लेकर मेट्रो के गेट पर खड़े होकर लोगों को मेट्रो के किराये बढ़ने की जानकारी देते नजर आए। ये लोग यात्रियों से कह रहे थे कि मेट्रो ने बेतहाशा किराया बढ़ा दिया है, दिल्ली सरकार किराया घटाना चाहती है लेकिन मेट्रो प्रशासन साथ नहीं दे रहा। ऐसे में सरकार की मुहिम का और अपनी जेब पर भार से बचने के लिए कुछ दिन मेट्रो का बहिष्कार करें।
दोगुना हो गया किराया
असल में मेट्रो ने पिछले पांच माह में किराये को दोगुना कर दिया है। अब 2 किलोमीटर की दूरी के लिए लोगों को 10 रुपये देने होंगे। वहीं 2 से 5 किलोमीटर की दूरी के लिए 20 रुपये, 5 से 12 किलोमीटर के लिए 30 रुपये, 12 से 21 किलोमीटर के लिए 40 रुपये, 21 से 32 किलोमीटर की दूरी के लिए 50 रुपये और 31 किलोमीटर से ज्यादा के लिए अधिकतम 60 रुपये किराया लिया जाएगा। मार्च की तुलना में यह किराया दोगुना हो गया है।
दिल्ली सरकार का विरोध जारी
इस सब के बीच दिल्ली सरकार ने भी किराया वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, बोर्ड में 16 निदेशकों में से दिल्ली सरकार के पांच निदेशक हैं, जिन्होंने इसका विरोध किया। हालांकि केंद्र सरकार के सख्त रवैये दिखाया। केंद्र को आम आदमी का अधिक खयाल रखना चाहिए था। सूत्रों ने बताया कि डीएमआरसी बोर्ड की बैठक में दिल्ली सरकार के किराया निर्धारण कमेटी के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। बोर्ड ने कहा कि किराया निर्धारण कमेटी (FFC) की सिफारिशों में दखल देने या बदलाव करने का बोर्ड के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है।