जयपुर। राजस्थान के उपचुनाव में अपनी सीटें हारने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को अपना बजट भाषण दिया जिसमें किसानों को बड़ी राहत देने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में किसानों के 50 हजार रुपए तक के कर्ज माफ करने का ऐलान किया है। राजस्थान सरकार की इस घोषणा से प्रदेश पर करीब 8000 करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा। साथ ही लघु और सीमांत कृषकों के ब्याज माफ की भी घोषणा की है।
सरकार का आखिरी बजट
गौरतलब है कि उपचुनाव में हारने के बाद सरकार ने प्रदेश के किसानों को साधने की कोशिश की है। इससे पहले कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी ने बजट से ठीक पहले इसे लेकर बजट में किसानों के हित में नई घोषणाओं की ओर इशारा किया था। बता दें कि विधानसभा चुनाव में जाने से पहले प्रदेश की भाजपा सरकार का यह आखिरी बजट है और किसानों को भी सरकार से काफी उम्मीदें हैं।
किसान बेहाल
यहां गौर करने वाली बात है कि राज्य के कृषि बजट में 62 फीसदी की बढोतरी हुई है और पिछले चार साल में भाजपा सरकार द्वारा कृषि के लिए 9 हजार 551 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इतने रुपये के बजट के बावजूद प्रदेश में किसानों की हालत अच्छी नहीं है।
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किसानों की अपेक्षाएं
- फसल बीमा राशि के प्रीमियम को कम किया जाए
- सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाए
- किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक्ट बनाया जाए
- किसानों को खेती के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाई जाए
- ड्रिप सिस्टम, कीटनाशक सहित दूसरे कृषि आदानों से जीएसटी हटाया जाए
- सोलर पंप किसान को एक समान दर पर उपलब्ध कराया जाए साथ ही विद्युत कनेक्शन लौटाने की शर्त हटाई जाए
- किसानों को पुराने फार्म पौंड के जीर्णोद्धार के लिए अनुदान दिया जाए
- पेटा काश्त भूमि का अस्थायी आवंटन किसानों को किया जाए
- कृषक मित्र और कृषक विशेषज्ञों का मानदेय और भत्ता बढाया जाए
- किसान की आय बढाने के लिए किसान की टुकड़ों में बंटी भूमि का एकीकरण किया जाए
- जैविक कृषि आदान की जांच के लिए जिला मुख्यालयों पर जैविक आदान लैब स्थापित की जाए
- ड्रिप और सोलर पंप पर अनुदान में बढ़ोतरी की जाए