नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर विधानसभा को राज्यपाल के द्वारा भंग किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। जहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे पिछले 5 महीनों से विधानसभा को भंगकर चुनाव कराने की मांग कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया लेकिन जब कांग्रेस और पीडीपी के द्वारा सरकार बनाने की कवायद तेज की गई तो विधानसभा भंग कर दी गई। अब इस पर जम्मू कश्मीर के प्रभारी भाजपा नेता राम माधव का बड़ा बयान सामने आया है। राम माधव ने नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीडीपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीमा पार से मिले निर्देश के बाद दोनों ने स्थानीय चुनाव का बहिष्कार किया था। अब लगता है उन्हें फिर कोई नया निर्देश मिला है।
गौरतलब है कि देर शाम राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था। बता दें कि विधानसभा भंग होने से पहले पीडीपी और सज्जाद लोन के द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किया गया था। हालांकि राज्यपाल ने कोई भी आधिकारिक दावा मिलने से इंकार किया है। राज्यपाल ने कहा कि किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं था ऐसे में खरीद फरोख्त की संभावना बढ़ गई थी। इसी वजह से विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया।
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विधानसभा के भंग करने के राज्यपाल के फैसले को जहां भाजपा काफी खुश है वहीं विपक्षी पार्टी इसे केंद्र की साजिश बता रही है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि लोकसभा के चुनाव के साथ ही राज्य में चुनाव कराए जा सकते हैं। फिलहाल राज्य में राजनीतिक बयानों का सिलसिला जारी है। ताजा बयान में भाजपा नेता राम माधव ने पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीमा पार से स्थानीय चुनाव का बहिष्कार करने के निर्देश मिलने के बाद दोनों पार्टियों से इसका बहिष्कार किया अब सरकार बनाने के निर्देश मिले तो इसकी कवायद तेज कर दी।