नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एक जुट करने में जुट गए हैं। पवार ने पीएम पद के लिए आखिरी दांव चलते हुए खुद को चुनाव से दूर रखते हुए इन पार्टियों को एक मंच पर लाने के पूरी तरह से जुट गए हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा समेत कई गैरभाजपाई-गैरकांग्रेसी क्षत्रपों को इस बार क्षेत्रीय दलों के नाम पर पीएम पद की लॉटरी निकलने की उम्मीद है। ऐसे में 77 वर्षीय मराठा नेता ने यह बड़ा दांव चला है।
गौरतलब है कि शरद पवार ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी सुप्रिया सुले को राजनीति में स्थापित करने के लिए अमरावती सीट छोड़ दी थी। बता दें कि देश भर में गैर भाजपाई पार्टियों के गठबंधन की संभावना और कांग्रेस की कमजोर स्थिति को देखते हुए क्षेत्रीय पार्टियों की स्थिति मजबूत हो गई है। क्षेत्रीय दलों का मानना है कि अगर आगामी चुनाव में एनडीए को बहुमत नहीं मिलता है तो पीएम की दावेदारी को लेकर उनकी स्थिति मजबूत होगी।
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यहां बता दें कि क्षेत्रीय दलों की मजबूत स्थिति के बाद पीएम पद का दावेदार वही होगा जिसके नाम पर इन दलों में सहमति होगी। ऐसे में शरद पवार पहले से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिलकर क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि पवार ने लोकसभा चुनाव लडने के बदले खुद को गैरभाजपाई दलों को एकजुट करने की मुहिम में लगा दिया है।