नई दिल्ली। भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए गुरुवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का राजस्थान की पोखरण टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। खबरों के अनुसार मिसाइल ने तीन बार उड़ान भरी जिसकी रेंज 290 किलोमीटर थी। ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत यह है कि इंडो-रसियन ज्वाइंट वेंचर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को 400 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। जल्द ही इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सुखोई विमानों पर लगाया जाएगा। इसके बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।
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आपको बता दें कि ब्रह्मोस को इंडियन नेवी और सेना में 2006 में शामिल किया गया था लेकिन ब्रह्मोस का यह संस्करण ज्यादा विकसित है। SU-30 और ब्रह्मोस की जोड़ी से भारतीय वायु सेना मिनटों में अपने लक्ष्य को दूर तक भेदने में सक्षम हो जाएगी। ब्रह्मोस मिसाइल को रूस के साथ मिलकर विकसित किया गया है और इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। संभावना है कि यह प्रोजेक्ट 2020 तक पूरा हो जाएगा।